वीरांगना रानी अवांती बाई और मांडला क्षेत्र में स्वतांत्रता संग्राम

Authors

  • Dr. Manju M. Soloman

Keywords:

Rani Avanti Bai, Dindori, Gonds

Abstract

  1. भारत की धरा पर अनेक ऐसे वीर- वीरांगनाओं का जन्म हुआ जिन्होंने सन् 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम से लेकर संपूर्ण स्वाधीनता संघर्ष में अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया, किंतु उनका अमूल्य योगदान आज भी काल के गर्भ में दफन है । स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर आज आपको अवगत कराते हैं एक ऐसी ही वीरांगना से जिन्होंने उस दौर में अंग्रेजों से लोहा लिया, जब महिलाएं राजनीति से अनभिज्ञ थीं। महाकौशल क्षेत्र में स्वतंत्रता संग्राम की प्रमुख सूत्रधार रहीं वीरांगना अवंती बाई आजादी की लड़ाई में मंडला क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान है, जिसकी जानकारियां लोगों के सामने नहीं आई. महाकौशल क्षेत्र में आजादी की क्रांति में मंडला की अग्रणी भूमिका रही है, इसकी शुरु आत देखा जाए तो रानी अवंती बाई के नेतृत्व में रामगढ़ (डिंडौरी) से शरू हुई थी.सबसे पहले आजादी का सपना उन्होंने ही देखा और आजादी के शंखनाद में महत्यपूर्ण योगदान दिया.

Downloads

Download data is not yet available.

Downloads

Published

2023-01-21

How to Cite

Soloman , M. (2023). वीरांगना रानी अवांती बाई और मांडला क्षेत्र में स्वतांत्रता संग्राम. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 4(1), 37–41. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/200