राष्ट्रीय एकता और मौलाना अबुल कलाम आजाद: एक अध्ययन

Authors

  • Ashish Kumar Thakur Guest Lecturer, Dept. of History Dr. L.K.V. D. college Tajpur(Samastipur), Bihar,India

Abstract

भारत एक ऐसा देश है जहाँ कई संस्कृति भाषा धर्म और सम्प्रदाय का जन्म हुआ | भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसमें इतने धर्म, सम्प्रदाय, भाषा और क्षेत्र के लोग एक साथ रहते हैं| भारतवासियों का धर्म, सम्प्रदाय, भाषा और अलग होते हुए भी इनमें प्रेम, एकता और भाईचारे का जो रंग दिखाई देता है वह इस देश की राष्ट्रीय एकता को मजबूत बनाता है और यही इस विशाल देश की सुन्दरता भी हैं| देखा जाए तो भारत में राष्ट्रीय एकता का जो रूप आज हम सभी के नज़रों के सामने है वो नया नहीं है| ये आपसी भाईचारा और एकता सदियों से हमारी संस्कृति में रही हैं और इसी एकता ने भारत के विकास में बहुत योगदान दिया हैं| चाहे उस समय की बात की जाए जब हम अंग्रेजों से अपनी आजादी के लिए लड़ रहे थे या उस समय की जब हमारा देश पूरे विश्व में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था हर समय में भारतवासियों की एकता ने भारत को अपने लक्ष्य तक पहुँचाया है| राष्ट्रीय एकता का यही वो जज्बा था जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और पूरे देश को पथ पर लाकर एक लक्ष्य के लिए लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया | कई बार जब स्वतंत्रता संग्राम के समय हिन्दुस्तानियों के कदम डगमगाने लगे तो हमारे राष्ट्रीय नेताओ और स्वतंत्रता सेनानियों ने राष्ट्रीय एकता का प्रचार किया और इसको मजबूत किया | ऐसे नेताओं में खासतौर पर मौलाना अबूल कलाम आजाद, महात्मा गाँधी, खान अब्दुल गफ्फार खान, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल जैसे सैकड़ों नेताओं के नाम शामिल हैं जिन्होंने सम्प्रदायिकता के उस भयावह दौर में भी राष्ट्रीय एकता को बचाने में सफल रहे| इस आलेख में हम मौलाना आजाद के राष्ट्रीय एकता के लिए की गयी कोशिशों की बात करेंगे|

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Published

2023-05-29

How to Cite

Thakur , A. (2023). राष्ट्रीय एकता और मौलाना अबुल कलाम आजाद: एक अध्ययन. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 4(5), 61–66. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/275