भारत में क्षेत्रीय दलों की सरकारें : 2000 से वर्तमान तक के विशेष संदर्भ में

Authors

  • Dr. Premveer Godara Assistant Professor-Dept. of Polirical Science, Government College Sidhmukh Churu, Rajasthan

Keywords:

Democracy, opposition, Unstability, Freedom

Abstract

भारतीय राजनीति के निर्धारित तत्वों में एक महत्वपूर्ण आयाम भारत के राजनीतिक परिदृश्य में दलीय व्यवस्था का स्वरूप है। भारत के संविधान के अनुसार भारत में संघीय व्यवस्था है जिस में नयी दिल्‍ली में केन्द्र सरकार तथा विभिन्न ‍न राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के लिए राज्य सरकार है। इसलिए, भारत में राष्ट्रीय व राज्य क्षेत्रीय), राजनीतिक दलों का वर्गीकरण उनके क्षेत्र में उनके प्रभाव के अनुसार किया जाता है। भारत में बहुदलीय प्रणाली बहु-दलीय पार्टी व्यवस्था है जिसमें छोटे क्षेत्रीय दल अधिक प्रबल हैं। राष्ट्रीय पार्टियां वे हैं जो चार या अधिक राज्यों में मान्यता प्राप्त हैं । उन्हें यह अधिकार भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है, जो विभिन्न राज्यों में समय समय पर चुनाव परिणामों की समीक्षा करता है। भारत के बहुमापीय, बहुजातीय और बहुसांस्कृतिक ढ़ाँधे में बहुबलीय शासन व्यवस्था उपस्थित है, जिसमें राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय दलों ने अपनी-अपनी भूमिका का निर्वहन किया है।

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Published

2023-12-11

How to Cite

Godara, P. . (2023). भारत में क्षेत्रीय दलों की सरकारें : 2000 से वर्तमान तक के विशेष संदर्भ में. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 4(12), 10–13. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/322