छात्रावासी एवं गैर छात्रावासी विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शैक्षिक दुश्चिंता पर शालेय वातावरण के प्रभाव पर एक अध्ययन
Keywords:
Students, Education, Residential studentsAbstract
विद्यालयों में विद्यार्थियों को अनेक प्रकार के नियमों का समय के अनुसार पालन करना अनिवार्य होता है। जैसे स्कूल समय पर पहुंचना, शिक्षकों की आज्ञा मानना, सबसे मित्र पूर्ण व्यवहार एवं सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना एवं शांति के साथ चलना फिरना समय पर खेलकूद एवं अन्य कार्यक्रमों में भाग लेना आदि इन सभी बातों का पालन करना विद्यालयों की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य एवं विद्यार्थियों की समस्त शक्तियों का विकास करते हुए उसका सर्वांगीण विकास करना होता है। शिक्षा की परिभाषा व्यापक अर्थ में शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो आजीवन चलती रहती है और जीवन के प्रायः प्रत्येक अनुभव से उसके ज्ञान भंडार में वृद्धि होती है शिक्षा से मेरा भी प्रायः बालक था मनुष्य में निहित शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक श्रेष्ठ शक्तियों का सर्वांगीण विकास है। सर्वोच्च शिक्षा वही है जो संपूर्ण दृष्टि से हमारे जीवन का सामंजस्य स्थापित करती है। शिक्षा से मेरा तात्पर्य बालक और मनुष्य के शरीर, मन तथा आत्मा की सर्वोच्च सर्वांगीण एवं उत्कृष्ट विकास से है। मनुष्य के अंदर को संपूर्ण रूप से जानना या अभिव्यक्त करना ही शिक्षा कहलाती है। शिक्षा मानव की संपूर्ण शक्तियों का प्रगतिशील सामंजस्य पूर्ण और प्राकृतिक विकास से होता है।
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