प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली का आधार : गुरुकुल व्यवस्था एवं गुरु-शिष्य परंपरा

Authors

  • Dr. Sushma Netam Asst. Professor, Dept. of History Pt.Shambhunath Shukla University, Shahdol, M.P.

Keywords:

गुरुकुल, गुरु-शिष्य परंपरा, आश्रम

Abstract

प्राचीनकाल से अनवरत रूप से गतिमान गुरु-शिष्य परंपरा ही भारतीय ज्ञान प्रणाली का मूल आधार रहा है। अपने परिष्कृत ज्ञान को ऋषि - मुनियों द्वारा अपने शिष्यों को प्रदान किया जाना, गुरु और शिष्य के मध्य ज्ञान के उत्तराधिकार को आलोकित करता है । आज भी गुरु-शिष्य परंपरा अपने नवीनतम स्वरूप में जीवित है जो कि शिक्षक - छात्र के रूप में प्रेषित परिष्कृत ज्ञान को अगली पीढ़ी तक प्रवाहमान कर रहे हैं। प्राचीनकाल की गुरुकुल व्यवस्था आज के आवासीय विद्यालय के समान दिखलाई पड़ती है जहां न सिर्फ गुरु और शिष्य के मध्य न सिर्फ वैदिक ज्ञान बल्कि व्यवहारिक समझ का भी विकास होता था । प्रस्तुत शोध पत्र में प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली के रूप में स्थापित रही गुरुकुल व्यवस्था एवं इस व्यवस्था को सुदृढ़ रूप प्रदान करने वाली गुरु-शिष्य परंपरा का अध्ययन किया गया है । इस शोध पत्र में विश्लेष्णात्मक शोध प्रविधि का अनुसरण करते हुये विभिन्न पौराणिक ग्रन्थों, सहायक ग्रन्थों, शोधपत्रों का अध्ययन किया गया है । विभिन्न प्राथमिक एवं द्वितीयक स्त्रोतों का प्रयोग किया गया है । गुरु-शिष्य परंपरा के विभिन्न सामाजिक एवं व्यवहारिक उपादानों का गहन विवेचन करने के पश्चात तथ्यों एवं विचारों को इसमें समाहित कर निष्पक्ष निष्कर्ष प्राप्त करने का प्रयास किया गया है । 

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Published

2025-06-24

How to Cite

Netam, S. . (2025). प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली का आधार : गुरुकुल व्यवस्था एवं गुरु-शिष्य परंपरा. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 6(6), 14–20. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/435