आदिवासीयों में कुपोषण की समस्या और कुपोषण निराकरण के उपाय
Keywords:
कुपोषण, आदिवासी, स्वास्थ्यAbstract
आज भारत में कुपोषण एक बड़ी समस्या है। अन्य पिछड़े वगों क़े मकुाबल़े आदिवासियों में इसकी तादाद काफी बड़ी है।भारत स्वतंत्रता क़े बाद से ही आदिवासियों की हालत अच्छ़ी नहीं रह़ी है शिक्षा, व्यापार, ख़ेत़ी, स्वास्थ और आर्थिक सभी क्षेत्रों में आदिवासियों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पडता है और आज भी यह समस्या खत्म ना होते हुए जनसंख्या अनसुार बढ़ रह़ी है। आकंड़े बतात़े हैं कि भारत के 47 लाख आदिवासी बच्च़े पोषण की भीषण कमी से पीड़ित है।
एक बेहतर जिंदगी जीने के लिए जिन आवश्यकताओं की जरूरत होती है वही बाधित है भारत के करीब करीब 48 से 50 लाख कुपोषित आदिवासी बच्चों के लगभग 80% छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश में रहते हैं। इन राज्यों में जो संविधान की पांचवी अनुसूची में आते हैं उन्हीं को भूमी हस्तांतरण, विस्थापन और पर्याप्त मुआवजे का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा है।
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