आपदा प्रबंधन मे सहायता तथा सेवाए देने वाली संगठनो एवं संस्थाओं का भौगोलिक अध्ययन

Authors

  • Dr. Sandip Masram Asst. Professor, Department of geography, Vasantrao Naik Government Institute of Arts and Social Science, Nagpur

Keywords:

International Organizations, Disaster, Management

Abstract

मानव जाति  की शुरुवात से ही, वह एक प्रतिकूल स्थिती में रहते आ रहा है I प्राचीन काल से ही अत्यंत घातक आपदाए आती रही है और भविष्य में भी मानव समूह कों तथा सभी जिवित  घटकों कों इस प्रकार के अपदाओ का सामना करना होगाI बार बार होने वाली अपदाओ कों नजर अंदाज कर दिया जाता है , लेकिन कई बार जब आपदाएं पुरे पारिस्थितिकी तंत्र के साथ मानव जीवन के लिए भी खतरा बन जाती है तब  सही अर्थ में आपदा के भयावता का एहसास होता है I धरातल पर विभिन्न प्राकृतिक घटनाए होती रहती है I जीनमे बाढ़, सुनामी, भूकंप, सुखा, ज्वालामुखी, भूस्तखलन, हिमस्तखलन, जंगलो में आगमहामारी शामिल है I सभी आपदाए प्राकृति द्वारा ही नहीं होती है, कुछ घटनाए मानव हस्तक्षेप के कारन भी होती है I मानव जान बुझकर या अंजाने में विकास कार्यों के लिए तथा मानव जीवन के उन्नती के लिए प्रकृति में परिवर्तन करता है I इस परिवर्तन से प्रकृति के साथ छेड़छाड़ से अपदाओ का जन्म हो सकता है I

            आपदा में और खतरे में फरक होता है I खतरा एक ऐसी प्रक्रिया है जो मानव , भूरचना, आर्थिक संपत्तियों के लिए धोका है I यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो मानव जीवन को कुछ हद तक या पूरी तरह से नष्ट कर देती I आपदा एक बड़ा संकट है I किसी भी खतरे  के स्त्रोत की प्रकृति क्या है, उस खतरे के परिणामोकी गंभीरता इस पर निर्भर करती है I यदि खतरे की गंभिरता बहुत अधिक है तो इसे प्रलय कहा जाता है I आपदा को सयुक्त राष्ट्र ने परिभाषित करते हुए कहा है की, यह एक विनाशकारी भयावह घटना है जो मानव हताहतो के साथ अन्य प्रकार के क्षति का कारन बन सकती है I आपदा बिना किसी चेतावनी से होती है I इनकी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती I किसी आपदा से होने वाली क्षति सिमित क्षेत्र या सिमित आबादी तक सिमित नहीं I

EM – DAT ने १९०० से लेकर वर्तमान तक की सभी आपदाएं शामिल है, जो निम्न मानदंडो में से कम से कम एक के अनुरूप है- १० या अधिक लोक मरे गये, १०० या अधिक लोक प्रभावित हो जाए, आपातकाल की स्थिती की घोषणा या अंतर्राष्ट्रीय सहायता का आवाहन की स्थिती निर्माण हो जाए I  आपदा के सभी चरणों में प्रबंधन की आवश्यकता होती है I इन चरणों में आपदा की तयारी एवं शमन का चरण, आपदा घटना चरण, प्रतिक्रिया चरण और पुनर्प्राप्ति चरण जिसमे पुनर्वास और पुनर्निर्माण प्रक्रियाए शामिल है I यह आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में लगे विभिन्न कारकों जैसे की सरकारी, गैर- सरकारी और निजी कारकों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है I आपदा और विकासात्मक गतिविधियों में विभिन्न संस्थओं की भूमिका से संबंधित है I व्यापक आपदा प्रबंधन प्रणालीके लिए इन सहायता तथा सेवा देने वाली संस्था, उनके कार्य तथा उनके अंतर्संबंध का भौगोलिक अध्ययन करना आवश्यक है I

Downloads

Download data is not yet available.

Downloads

Published

2022-03-07

How to Cite

Masram , . S. . (2022). आपदा प्रबंधन मे सहायता तथा सेवाए देने वाली संगठनो एवं संस्थाओं का भौगोलिक अध्ययन. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 3(2), 43–47. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/90