योग विज्ञान,धर्म एवं संस्कृति में अंत:सम्बन्ध

Authors

  • Dr. Praveen Kumar Gupta Assistant Professor, Dept. of Yoga Indira Gandhi National Tribal University Amarkantak, MP, India.

Keywords:

Yoga, ध्यान, समाधि, दायित्व, चेतना, क्रिया प्रतिक्रिया, संवेग, प्राण, अष्टांग योग

Abstract

योग भारतीय सनातन धर्म एवं संस्कृति का अभिन्न अंग है| प्राचीन काल से योग परंपरा भारतीय समाज, धर्म संस्कृति में देखने को मिलती है| भारतीय लोक परंपराओं, सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक संस्कृति एवं उपनिषद काल की विरासत जैन, बौद्ध परंपरा, रामायण, महाभारत, महाकाव्य, पुराणों से वह वैष्णो की आस्तिक परंपराओं एवं तांत्रिक परंपराओं में योग के अनेक प्रमाण मिलते हैं भारतीय दार्शनिक परंपरा में षड्दर्शन के अंतर्गत योग दर्शन का महत्वपूर्ण स्थान है| योग को सुव्यवस्थित वैज्ञानिक एवं दार्शनिक स्वरूप प्रदान करने में महर्षि पतंजलि का महत्वपूर्ण योगदान है| वस्तुतः योग एक सार्वभौमिक विश्व धर्म है इस दृष्टि में योग, धर्म, विज्ञान, संस्कृति में अंत:संबध है| योग चित्तवृत्ति का निरोध के माध्यम से व्यक्ति का परम सत्ता से संयोग का वर्णन करता है सामान्यता ‘योग’ का अर्थ आसन, प्राणायाम आदि के रूप में ग्रहण किया जाता है परंतु वास्तविकता यह है कि योग साधन और साध्य दोनों है योग एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक साधना प्रणाली है जिसका धर्म विज्ञान एवं संस्कृति से अंतर संबंध रखते हुए व्यक्ति सीमितता  से असीमितता की ओर ले जाता है

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Published

2023-07-20

How to Cite

Gupta, P. . (2023). योग विज्ञान,धर्म एवं संस्कृति में अंत:सम्बन्ध. AGPE THE ROYAL GONDWANA RESEARCH JOURNAL OF HISTORY, SCIENCE, ECONOMIC, POLITICAL AND SOCIAL SCIENCE, 4(7), 72–76. Retrieved from https://agpegondwanajournal.co.in/index.php/agpe/article/view/296